वृन्दावन कुण्डू क्रोधावेश में अपने पिता के पास आकर कहने लगा— ''मैं इसी समय आपसे विदा होना चाहता हूं।'' उसके पिता जगन्नाथ कुण्डू ने घृणा प्रकट करते हुए कहा— ''अभागे! कृतघ्न! मैंने जो रुपया तेरे पालन-पोषण पर खर्च किया है, उसे चुका कर ही ऐसी धमकी देना।'